कामों को व्यवस्थित रखना बहुत ज़रूरी है, खासकर जब बहुत सारे काम हों। कामों को नंबर देना समझने में आसानी करता है और किसी खास काम का जिक्र करना आसान बनाता है। लेकिन, हाथ से कामों को नंबर देना? ये बहुत समय लेता है और गलतियाँ भी हो सकती हैं।
इसलिए ऑटो-नंबरिंग है। इस फ़ीचर से, हर काम के कार्ड को एक अलग नंबर मिल जाता है, जैसे ही वो बनता है। इससे हर काम तुरंत पहचान में आ जाता है।
चलिए देखते हैं ऑटो-नंबरिंग कैसे काम करती है और आप इसे कैसे चालू कर सकते हैं।
ऑटो-नंबरिंग क्या है?
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ऑटो-नंबरिंग हर नए काम के कार्ड को एक क्रम में नंबर देती है। ये नंबर सिर्फ़ उस बोर्ड (जहाँ काम दिखते हैं) के लिए ही होते हैं। इससे टीम के लोग कामों का जिक्र आसानी से कर सकते हैं, चाहे वो बातचीत में हो, रिपोर्ट में हो या अपडेट में।
ऑटो-नंबरिंग कैसे चालू करें
- बोर्ड सेटिंग्स खोलें: बोर्ड के ऊपर दाहिने कोने में गियर के निशान (⚙️) पर क्लिक करें। सेटिंग्स का मेनू खुल जाएगा।
- विकल्प चालू करें: सेटिंग्स में, “कामों की ऑटो-नंबरिंग” को चालू कर दें।
- देखें कैसे काम करता है: अब से, हर नया काम कार्ड बोर्ड पर अपने आप एक अलग नंबर दिखाएगा।
क्यों ज़रूरी है ऑटो-नंबरिंग
- कामों का जल्दी जिक्र: नंबरों से किसी खास काम का जिक्र मीटिंग में या टीम के साथ काम करते समय आसान हो जाता है।
- साफ़-साफ़ बात: कामों का पूरा ब्यौरा बताने की बजाय, सिर्फ़ नंबर बताकर जल्दी बात हो जाती है।
- कामों का बेहतर प्रबंधन: नंबर लगने से कामों का प्रबंधन आसान हो जाता है।
असली ज़िन्दगी में कैसे काम आती है
- प्रोजेक्ट रिपोर्ट: अपडेट या डॉक्यूमेंट में कामों के नंबर लिखने से सब कुछ साफ़ दिखता है।
- टीम की बातचीत: मीटिंग में कामों के नंबर बताने से कोई ग़लतफ़हमी नहीं होती।
- काम की प्रगति देखना: आसानी से पता चल जाता है कि कौन-सा काम पूरा हुआ है और कौन-सा अभी बाकी है।
निष्कर्ष
ऑटो-नंबरिंग से कामों का प्रबंधन आसान और व्यवस्थित हो जाता है। अब हाथ से नंबर लगाने की ज़रूरत नहीं। चाहे बड़ा प्रोजेक्ट हो या छोटा काम, हर काम आसानी से दिखेगा और उसका पता चलेगा।